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इतिहास:

हरिहर किला 1636 में अहमदनगर सल्तनत से मुगलों द्वारा जीता गया था और बाद में यह मराठों के नियंत्रण में आ गया। किले का निर्माण रणनीतिक दृष्टि से किया गया था ताकि आसपास के क्षेत्र पर निगरानी रखी जा सके और व्यापार मार्गों की सुरक्षा हो सके।

मुख्य आकर्षण:

  • चट्टान में काटी गई सीढ़ियाँ: किले तक पहुँचने के लिए सीधी और संकरी सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं जो देखने में खड़ी और साहसिक लगती हैं।
  • प्राकृतिक सौंदर्य: ऊपर से घाटियों और पहाड़ियों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है।
  • प्राचीन संरचनाएँ: किले के ऊपर कुछ जलाशय और भग्नावशेष हैं, जो प्राचीन काल की याद दिलाते हैं।
  • सूर्योदय और सूर्यास्त: हरिहर किले से सूर्यास्त और सूर्योदय का नज़ारा अत्यंत मनभावन होता है

कैसे पहुँचे:

स्थान: नासिक जिला, महाराष्ट्र
ऊँचाई: लगभग 3,676 फीट (1120 मीटर)
पर्वत श्रृंखला: त्र्यंबकेश्वर रेंज

हरिहर किला पहुँचने के लिए नज़दीकी प्रमुख शहर नासिक है। यहाँ से त्र्यंबकेश्वर या हरसूल गांव तक सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है। यहाँ से ट्रेक शुरू होता है, जो मध्यम कठिनाई स्तर का होता है और लगभग 1.5 से 2 घंटे में चढ़ाई पूरी हो जाती है।

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