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“रोटी, कपड़ा और मकान” को हर मानव की मूलभूत आवश्यकता माना गया है। भारत सरकार ने इस आवश्यकता की पूर्ति हेतु वर्ष 2015 में एक ऐतिहासिक योजना की शुरुआत की — प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)। इस योजना का उद्देश्य है “सभी के लिए आवास” यानी हर भारतीय नागरिक को वर्ष 2022 तक पक्का और सुरक्षित घर उपलब्ध कराना।

इस योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (PMAY-Urban)
  • प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-Gramin)

आइए इस योजना की गहराई में जाकर समझते हैं कि इसका स्वरूप, लाभ, पात्रता और प्रभाव किस प्रकार देश के करोड़ों लोगों के जीवन को बदल रहा है।


प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (PMAY-Urban)

शहरी क्षेत्रों में रहने वाले निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए यह योजना एक वरदान साबित हुई है। योजना के तहत चार प्रमुख घटक हैं:

1. इन-सिटू स्लम पुनर्विकास (ISSR)

इसका उद्देश्य झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को पुनर्विकसित स्थान पर पक्का मकान देना है, ताकि वे सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में रह सकें।

2. क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS)

इस योजना के अंतर्गत होम लोन पर सरकार की ओर से ब्याज में सब्सिडी दी जाती है। यह सुविधा EWS, LIG और MIG श्रेणियों के लिए अलग-अलग दरों पर लागू होती है। इससे आवास खरीदना सस्ता और सुलभ हो जाता है।

3. अफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP)

सरकार और निजी डेवलपर्स के सहयोग से कम कीमत में बहुमंजिला इमारतें बनाई जाती हैं, जिनमें EWS वर्ग के लिए आरक्षित फ्लैट होते हैं। इस श्रेणी के लाभार्थियों को आर्थिक सहायता दी जाती है।

4. बेनिफिशियरी लीड कंस्ट्रक्शन (BLC)

इस घटक के अंतर्गत जिनके पास जमीन है, वे अपना घर स्वयं बना सकते हैं और सरकार की ओर से उन्हें वित्तीय सहायता दी जाती है।


प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-Gramin)

ग्रामीण भारत की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है पक्का घर। भारत के गांवों में बड़ी संख्या में लोग अब भी कच्चे मकानों में रहते हैं या बेघर हैं। ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए PMAY-Gramin शुरू की गई।

मुख्य विशेषताएं:

  • प्रत्येक लाभार्थी को घर निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, जो सामान्य क्षेत्रों में ₹1.2 लाख और पहाड़ी/कठिन क्षेत्रों में ₹1.3 लाख तक होती है।
  • साथ ही शौचालय निर्माण, बिजली, गैस कनेक्शन और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी घरों को सुसज्जित किया जाता है।
  • पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) के माध्यम से किया जाता है।

पात्रता मानदंड

PMAY का लाभ उठाने के लिए कुछ सामान्य पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:

  1. आय वर्ग के अनुसार पात्रता:
    • EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग): सालाना आय ₹3 लाख से कम
    • LIG (निम्न आय वर्ग): ₹3 लाख से ₹6 लाख तक
    • MIG-I: ₹6 लाख से ₹12 लाख
    • MIG-II: ₹12 लाख से ₹18 लाख
  2. परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी योजना के तहत पहले से पक्का मकान धारक नहीं होना चाहिए।
  3. महिला सदस्य को घर के स्वामित्व में प्राथमिकता दी जाती है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले।

सब्सिडी और आर्थिक लाभ

प्रधानमंत्री आवास योजना की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें ब्याज पर सब्सिडी दी जाती है। इसके कुछ उदाहरण:

  • EWS/LIG वर्ग को 6.5% की ब्याज सब्सिडी दी जाती है।
  • MIG-I वर्ग को 4% और MIG-II वर्ग को 3% की ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलता है।
  • अधिकतम ₹2.67 लाख तक की सब्सिडी सीधे लाभार्थी के लोन खाते में स्थानांतरित की जाती है।

इससे लोन की किस्त कम हो जाती है और घर खरीदना आम व्यक्ति के लिए संभव हो पाता है।


योजना का प्रभाव

प्रधानमंत्री आवास योजना ने देश के विभिन्न हिस्सों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाया है। इसका प्रभाव निम्न प्रकार से देखा जा सकता है:

✔️ महिला सशक्तिकरण में योगदान

घर के स्वामित्व में महिला का नाम अनिवार्य रूप से शामिल करने की शर्त ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया है।

✔️ स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार

घर के साथ-साथ शौचालय, स्वच्छ जल और स्वच्छ ऊर्जा की व्यवस्था ने लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया है।

✔️ रोजगार सृजन

निर्माण कार्यों के चलते ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं।

✔️ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम

PMAY ने गरीब और निम्न वर्ग के नागरिकों को आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है।


योजना की चुनौतियाँ

जहाँ एक ओर यह योजना बेहद सफल रही है, वहीं कुछ क्षेत्रों में चुनौतियाँ भी सामने आई हैं:

  • कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण सामग्री की उपलब्धता और तकनीकी समर्थन की कमी।
  • लाभार्थियों की सूची में अपात्र लोगों का नाम आ जाना।
  • समय पर परियोजनाओं का पूरा न हो पाना।

हालाँकि सरकार इन चुनौतियों को दूर करने के लिए लगातार तकनीकी निगरानी, मोबाइल ऐप, जीआईएस मैपिंग और सामाजिक ऑडिट जैसे माध्यमों का प्रयोग कर रही है।


योजना का भविष्य – PMAY 2.0

2024 के बाद भारत सरकार ने योजना को अगले चरण में ले जाने की घोषणा की है। PMAY 2.0 के अंतर्गत:

  • शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ नए घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • योजना को वर्ष 2029 तक विस्तारित किया गया है।
  • पर्यावरण-अनुकूल तकनीक और डिजास्टर रेसिलिएंट हाउसिंग को प्राथमिकता दी जा रही है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल एक आवासीय परियोजना है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत सरकार का एक दूरदर्शी प्रयास है।
इस योजना के माध्यम से अब तक करोड़ों लोग अपने सपनों का घर प्राप्त कर चुके हैं और आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी।

“एक पक्का घर सिर्फ ईंट और सीमेंट से नहीं बनता, वह आत्मसम्मान, सुरक्षा और आशा का प्रतीक होता है।”
प्रधानमंत्री आवास योजना इसी सोच का परिणाम है।

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